मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
अभावो की परिभाषा हूँ मैं किसान
सबसे ज्यादा अन्न देखता
सबसे कम मैं ही हूँ खाता
तुम लोगो के पेटो की खातिर
मैं तो भूखा ही सो जाता
भारत का मैं गरीब किसान
अभावो की परिभाषा हूँ मैं किसान
सबसे ज्यादा अन्न देखता
सबसे कम मैं ही हूँ खाता
तुम लोगो के पेटो की खातिर
मैं तो भूखा ही सो जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
दिन भर मैं खेतो में रहता
सांझ ढले घर पर हूँ आता
टूटी थाली में रूखा सुखा खाकर
चारपाई पर मैं सो जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
फसल उगाता, फसल काटता
पर जब उसे बेचने जाता
तो मुझे नचाया जाता
मेरी मेहनत कोई और ले जाता
और मैं सिर्फ देखता रह जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
ग्रीष्म, शीत या हो वर्षा
मैं तो अपना फ़र्ज़ निभाता
और न ही कोई अवकाश मांगता
फिर भी मुझे सताया जाता
कभी कभी तो यह मौसम भी
है मेरा मज़ाक उडाता
और मैं असहाय
सिर्फ देखता रह जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
सीमा पर जो जवान है
सीमा में वही किसान है
"जय जवान जय किसान"
जवान को तो मिला सम्मान
पर पीछे रह गया किसान
इसीलिए पिछड़ गया हिन्दुस्तान
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
भूख है शत्रु, अन्न है सेनिक
उस अन्न को मैं हूँ उगाता
पर जब अकाल है आता
उस को अपने पास न पाता
और अपनी अंतिम कुर्बानी देकर
मैं फिर भूखा ही सो जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
भारत का मैं गरीब किसान
दिन भर मैं खेतो में रहता
सांझ ढले घर पर हूँ आता
टूटी थाली में रूखा सुखा खाकर
चारपाई पर मैं सो जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
फसल उगाता, फसल काटता
पर जब उसे बेचने जाता
तो मुझे नचाया जाता
मेरी मेहनत कोई और ले जाता
और मैं सिर्फ देखता रह जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
ग्रीष्म, शीत या हो वर्षा
मैं तो अपना फ़र्ज़ निभाता
और न ही कोई अवकाश मांगता
फिर भी मुझे सताया जाता
कभी कभी तो यह मौसम भी
है मेरा मज़ाक उडाता
और मैं असहाय
सिर्फ देखता रह जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
सीमा पर जो जवान है
सीमा में वही किसान है
"जय जवान जय किसान"
जवान को तो मिला सम्मान
पर पीछे रह गया किसान
इसीलिए पिछड़ गया हिन्दुस्तान
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
भूख है शत्रु, अन्न है सेनिक
उस अन्न को मैं हूँ उगाता
पर जब अकाल है आता
उस को अपने पास न पाता
और अपनी अंतिम कुर्बानी देकर
मैं फिर भूखा ही सो जाता
मैं किसान, मैं हूँ किसान
भारत का मैं गरीब किसान
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