यूँ तो कोई मेरी research
पढता नहीं है
पर मैं तो उसी से खुश हो जाता हूँ
जब कभी तुम मुझे पढ़ लेते हो |
यूँ तो मैं कितना भी चीखुं चिल्लायुं
कोई सुनता समझता नहीं है
पर दिल खुश हो जाता है
जब तुम मेरी आहट को सुन समझ लेते हो |
पढता नहीं है
पर मैं तो उसी से खुश हो जाता हूँ
जब कभी तुम मुझे पढ़ लेते हो |
यूँ तो मैं कितना भी चीखुं चिल्लायुं
कोई सुनता समझता नहीं है
पर दिल खुश हो जाता है
जब तुम मेरी आहट को सुन समझ लेते हो |
यूँ तो मैं कितना भी मंदिर जायुं मस्जिद जायुं
प्रभु दीखता नहीं है और कुछ बदलता नहीं है
पर वोह दिन महीना अच्छा गुजर जाता है
जब कभी गली किनारे तुम दिख जाते हो |
प्रभु दीखता नहीं है और कुछ बदलता नहीं है
पर वोह दिन महीना अच्छा गुजर जाता है
जब कभी गली किनारे तुम दिख जाते हो |
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