वो वादा करके फिर से न आये
मैंने घर को खूब सजाया
गुलदान में नया फूल भी लगाया
इत्र हर जगह बिखराया
वो वादा करके फिर से न आये ।
कल ही कमीज़ की बाईं जेब में
जो छेद था, वोह भरवाया था
आज पर दिल में एक छेद हो गया
मैंने घर को खूब सजाया
गुलदान में नया फूल भी लगाया
इत्र हर जगह बिखराया
वो वादा करके फिर से न आये ।
कल ही कमीज़ की बाईं जेब में
जो छेद था, वोह भरवाया था
आज पर दिल में एक छेद हो गया
वो वादा करके फिर से न आये ।
स्वागत में उनके, हर काँटा बीन डाला
काँटा हाथ में तो एक न चुभा
दिल में चुभ गया
वो वादा करके फिर से न आये ।
आइना बदलते समय गिर गया
वोह गिर के भी न टूटा
मेरा दिल पर टूट गया
वो वादा करके फिर से न आये ।
सात बजे आना था, नौ बजे ख़त मिला
की अगले सोमवार आयेंगे
अगले सोमवार फिर एक ख़त मिला
वो वादा करके फिर से न आये ।
इस बार निकाह की पूरी तैयारी थी
डोली तो उनकी क्या उठी
जनाज़ा हमारा उठ गया
वो वादा करके फिर से न आये ।
स्वागत में उनके, हर काँटा बीन डाला
काँटा हाथ में तो एक न चुभा
दिल में चुभ गया
वो वादा करके फिर से न आये ।
आइना बदलते समय गिर गया
वोह गिर के भी न टूटा
मेरा दिल पर टूट गया
वो वादा करके फिर से न आये ।
सात बजे आना था, नौ बजे ख़त मिला
की अगले सोमवार आयेंगे
अगले सोमवार फिर एक ख़त मिला
वो वादा करके फिर से न आये ।
इस बार निकाह की पूरी तैयारी थी
डोली तो उनकी क्या उठी
जनाज़ा हमारा उठ गया
वो वादा करके फिर से न आये ।
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