Friday, October 12, 2012

जनाब !

आप झूठ बोलना सीख लीजिये जनाब 
कलयुग में सच बोलना अपराध है |

आप आस्तिक हो लीजिये जनाब 
जात पात में बड़ी बात है |

अपनी आग अपने अन्दर ही रखिये जनाब 
पारा बहार तो पहले ही पचास के पार है |

घुट घुट के जीना सीख लीजिये जनाब 
बहार की हवा आजकल बहुत ख़राब है |

अपने आंसू पीना सीख लीजिये जनाब
पानी के दाम आजकल बे हिसाब है |

हर बात पे मुस्कुरा लीजिये जनाब
हमें छोड के, हर बात ही ख़ास है |

No comments:

Post a Comment