Sunday, October 14, 2012

सुन्दरता !

सुन्दरता ! प्रभु का दिया गया वरदान
है क्या तुम्हारा योगदान ?
करो मत इस पर तुम अभिमान 
क्यूंकि, इसको छीनेगा भगवान् ।

है नहीं ये तुम्हारी सम्पदा 
उस ने दिया, तुमको यह उपहार 
करो न इसको यूँ बेकार 
करो इसका, आदर व श्रृंगार ।

ठहरे रहो न, लेके अब यह उपहार
जाओ जाके घिसो-तपो तुम 
कोयला भी हो जाए सोना 
जायो करो कुछ ऐसा चमत्कार । 

याद रखे कौन, क्या लाये तुम 
गीत पर गवें उसी के बाधो-श्रावण 
सृष्टी ने देखा जिसको  
करते हुए खुद का नव निर्माण ।

खुद को कर लो ऐसे तैयार 
यम को भी आये शर्म 
जब आये वोह लेने 
तुमसे तुम्हारा ये उपहार ।

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