हे प्रभु ! आप यह किस संकट में छोड़ गए
धर्म की हानी होने पर प्रकट होने का
झूठा वादा करके, आप तो मुंह ही मोड़ गए |
कर्म कर और फल की इच्छा मत कर
ऐसा कह के, मेरे जीने की आस क्यूँ तोड़ गए |
धर्म की हानी होने पर प्रकट होने का
झूठा वादा करके, आप तो मुंह ही मोड़ गए |
कर्म कर और फल की इच्छा मत कर
ऐसा कह के, मेरे जीने की आस क्यूँ तोड़ गए |
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