Friday, November 16, 2012

PhD's Consequences !

अपनी रूचि और महत्वाकांक्षा की कीमत चुका रहे हैं
बेवफा research को बिना परिणाम किये जा रहे हैं ।

जिस बेवफा के लिए दी गयी हैं इतनी कुर्बानी 
उसका तो पाना भी लगने लगा है अब बेमानी ।

पांच साल के बाद जाके किस को क्या दिखाएँ 
चार पेपर-जो हम नहीं समझे, कैसे किसे समझाएं ।

B.Tech के B.Tech हैं, डिग्री अब तक हाथ न आये ।
1500$ के नौकर कैसे किसी का हाथ मांग लायें।

वर्तमान जहाँ धिक्कार और भविष्य अन्धकार,
ऐसे में कौन ही करेगा इस गरीब पर विचार ।

धिक्कार इस जीवन पर, अत्याचार की तो अति ही हो गयी
ऐसी दशा देख के, घरवालो की मिलायी लड़की भी रुष्ट हो गयी ।

ये किस्मत है फूटी के कल परिमाण सिद्ध निकले
research की तरह जब ये पटाखे भी सीले निकले ।

हमसे अच्छे तो हमारे वो जिगरी दोस्त निकल गए
BA किया, नौकर हुए, pension मिली और मर गए ।

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