Friday, November 23, 2012

नाम हो, या हो बदनाम !

गांधी बनो या बनो गोडसे
हो शहीद या म्रत्युदंड तुम पायो
सूर्य जितना तेज दिखायो
या चाँद के जैसे शीतल हो जायो
फूल बनकर गर महक सको न
काँटा बन शत्रु पे गिर जायो
अमृत गर मिल सके न
शिव के जैसे विष पी जायो
सदियां याद रखें तुझको बस
प्रख्याति हो तेरे जस
फिर नाम हो, या हो बदनाम 
करो जायो कुछ ऐसा काम ।

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